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Monday, June 26, 2023

e-RUPI आखिर क्या होता है e-RUPI, जानिए कैसे काम करता है यह डिजिटल करेंसी

 


e-RUPI

आखिर क्या होता है ई रूपी, जानिए कैसे काम करता है यह डिजिटल करेंसी


e-RUPI Digital Voucher: ई-रूपी डिजिटल वाउचर को नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने तैयार किया है. इसके साथ ही NPCI और सरकार के कुछ और मंत्रालयों ने भी इसे बनाने में मदद की है.



अब आपको बाजार से सब्जी, अनाज, आटा, दाल, चावल, कपड़े, मोबाइल या कोई सामान लेने के लिए कागज के नोट या सिक्के ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। 1 से लेकर 2000 रुपए तक के, हर तरह के नोट आपके मोबाइल में डिजिटल रुपए (E-Rupi) के रूप में रहेंगे और उनसे आप कुछ भी सामान खरीद सकेंगे या रिचार्ज कर सकेंगे। बिल का पेमेंट कर सकेंगे और किसी को पैसा भी भेज सकेंगे।

ये सारी सुविधाएं आपको मिलेंगी डिजिटल रुपए से। इसके लिए किसी bank account या payment app की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। क्योंकि ये UPI पेमेंट से अलग तरीके का सिस्टम होगा, जोकि SMS या QR Code की मदद से चलेगा। इसके लिए इंटरनेट की भी जरूरत नहीं होगी।

इस लेख में हम जानेंगे कि ई-रुपी (E-Rupi) क्या होता है? कैसे इस्तेमाल किया जाता है? इसके क्या फायदे हैं और आपको यह कैसे मिलेगा। इसके अलावा भी ई-रुपी के ((E-Rupi)) बारे में कुछ जरूरी और उपयोगी जानकारियों को हमने कुछ प्रश्नों व उत्तर के रूप में शामिल किया है।

ई-रुपी क्या है? 

  • e-Rupi का फुल फॉर्म होता है-Electronic Rupee
  • हिंदी में इसका मतलब होता है- इलेक्ट्रॉनिक रुपया या डिजिटल रुपया

ई-रुपी, बिल्कुल आपके नोटों और सिक्कों की तरह होगा। बस यह आपके मोबाइल में, इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल रूप में मौजूद रहेगा। आज के नोटों और सिक्कों की तरह ही यह 1, 2, 5, 10, 20, 50,100, 200, 500, 2000 रुपयों की मुद्रा के रूप में मौजूद रहेंगे।

आपके मोबाइल में ही एक डिजिटल पर्स (Digital Wallet) रहेगा, जिसमें ये पैसे आप रख सकेंगे। जहां जरूरत पड़ेगी, वहां आप इन्हें खर्च कर सकेंगे या किसी और के अकाउंट में ट्रांसफर भी कर सकेंगे। SMS या QR कोड की मदद से आप ये सारे लेन-देन, पूरी तरह से सुरक्षित तरीके से निपटा सकेंगे।

ये लेन-देन व्यक्ति से व्यक्ति के बीच (P2P) भी किए जा सकेंगे और व्यक्ति से व्यापारी के बीच (P2M) भी किए जा सकेंगे।

डिजिटल रुपए भी लीगल टेडर होंगे: कागजी नोटों और सिक्कों की तरह डिजिटल रुपए भी लीगल टेंडर होंगे। मतलब ये कि, इनकी इनकी कानूनी और वैध मान्यता (legal Validity and acceptability) होगी। रिजर्व बैंक इससे संबंधित मौद्रिक नीति भी बनाता रहेगा। घरेलू बाजार और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में डिजिटल रुपयों की कीमत निर्धारण का सिस्टम भी पहले की तरह काम करता रहेगा।

लोगों के पास किस तरह से पहुंचेगे e-Rupi:  सामान्य लोगों तक ये डिजिटल रुपए (e-Rupee) पहुंचाने का जिम्मा, रिजर्व बैंक ने फिलहाल 8 बैकों को सौंपा है (बैकों के नाम नीचे देंखें)। इन्हें भागीदार बैंक (participating banks) कहा गया है। ये बैंक अपने ग्राहकों को एक digital wallet देंगे, जिसमें उनके डिजिटल रुपए (e-R) भेजे जाएंगे।

मतलब यह कि बैंक आपको कागजी नोटों या सिक्कों की बजाय e-R वाले वॉलेट देंगे। आप जितने पैसे खर्च कर देंगे, उतनी रकम आपके डिजिटल पर्स में घट जाएगी। इसी तरह, आपको जितने पैसे मिलेंगे, आपके डिजिटल पर्स में उतनी रकम बढ़ जाएगी।

पहले चरण में शामिल 4 बैंकों के नाम:  1 दिसंबर 2022 से लागू किये गए, पहले चरण (First Stage) में सिर्फ 4 बैंकों को इस काम के लिए अधिकार मिले हैं। इनके नाम हैं-

  • भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India)
  • आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank)
  • येस बैंक (Yes Bank)
  • आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC First Bank)

अगले चरण में शामिल होने वाले 4 बैंक: अगले चरण में जिन 4 अन्य बैंकों को भी डिजिटल रुपये देने और जमा करने के लिए अधिकार मिल जाएंगे। इनके नाम हैं-

  • बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda)
  • यूनियन बैंक (Union Bank of India)
  • एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank)
  • कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank)

फुटकर लेन-देन और थोक लेन-देन के लिए अलग-अलग ई-रुपी

सरकार ने थोक लेन-देन (Wholesale Transactions) और फुटकर लेन देन (Retail Transactions) के लिए अलग-अलग तरह के डिजिटल रुपए जारी किए हैं। शुरू में 1 नवंबर 2022 से थोक लेन-देन (Whole Transactions) के लिए, डिजिटल रुपया लांच किया गया था।

उसका इस्तेमाल सिर्फ बहुत बड़ी कीमत वाले सौदों जैसे कि सरकारी प्रतिभूतियों (government Securities) में लेन-देन में करने की छूट मिली थी। जैसे कि Treasury Bills और Government Bonds वगैरह के लेन-देन में। इसके ठीक एक महीने बाद, 1 दिसंबर 2022 से इसे खुदरा लेन-देन (Retail Transactions) के लिए, यानी कि सामान्य लोगों के लिए जारी कर दिया गया है।

कागज के नोट और सिक्के भी चलते रहेंगे: फिलहाल, नए डिजिटल रुपयों के साथ-साथ, पुराने कागजी नोट और सिक्के भी चलन में मौजूद रहेंगे। आप अपनी सुविधानुसार जहां चाहें कागज के नोटों और सिक्कों का इस्तेमाल कर सकते हैं और जहां चाहे डिजिटल रुपयों से पेमेंट कर सकते हैं।

यहां तक कि डिजिटल रुपयों को कागज के नोट या सिक्कों में बदलवा भी सकेंगे। यानी कि डिजिटल रुपयों के साथ-साथ पहले से मौजूद लेन-देन के सभी तरीके चलते रहेंगे और धीरे-धीरे अर्थव्यवस्था में डिजिटल रुपयों का चलन बढ़ाया जाएगा।

ई-रुपी के फायदे


  • बैंक अकाउंट या पेमेंट एप होना जरूरी नहीं: डिजिटल रुपयों (e-R) को प्राप्त करने या खर्च करने के लिए आपको न तो किसी बैंक अकाउंट रखने की जरूरत होगी और न ही किसी कार्ड या डिजिटल पेमेंट एप की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर, SMS या QR code के माध्यम से यह आपको मिल जाएगी और डिजिटल वैरिफिकेशन के माध्यम से इससे पेमेंट भी किया जा सकेगा।
  • इंटरनेट और स्मार्ट फोन की भी जरूरत नहीं पड़ेगी: डिजिटल रुपए से लेन-देन की प्रक्रिया के लिए किसी तरह के इंटरनेट या स्मार्ट फोन की अनिवार्यता नहीं रहेगी। आप किसी भी साधारण फोन की मदद से भी पैसों का लेन-देन निपटा सकेंगे।
  • नोटों के फटने या खराब होने की समस्या नहीं:  कागजी नोट या सिक्कों की तरह, डिजिटल रुपया कभी भी न तो खराब होगा और न ही फटने का डर रहेगा। न तो आपको टेप या गोंद से चिपका हुआ नोट मिलेगा और न ही नकली सिक्का मिलेगा। रिजर्व बैंक को भी नकली नोटों और नकली सिक्कों की समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा। 
  • बैंक अकाउंट या कार्ड के डिटेल्स सुरक्षित रहेंगे : पूरी प्रक्रिया के दौरान, आपको न तो बैंक अकाउंट डिटेल्स देने पड़ते हैं न ही आधार कार्ड या एटीएम कार्ड के डिटेल्स देने पड़ते हैं। इससे आपके व्यक्तिगत और फाइनेंशियल डिटेल्स पूरी तरह सुरक्षित बने रहते हैं। आपका कोई विवरण चोरी होने या या शेयर होने की गुंजाइश नहीं रहती।
  • संपर्क से संक्रमण की गुंजाइश नहीं: आपको अपने संपर्क में आए किसी सामान को दूसरे को देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। न रसीद, न कार्ड और न ही फिंगरप्रिंट देना पड़ेगा। दूर से ही कोई भी पेमेंट या ट्रांसफर हो जाएगा। दो लोगों के बीच किसी तरह के संपर्क की जरूरत नहीं पड़ेगा। यानी कि किसी बीमारी के संक्रमण के फैलने की गुंजाइश नहीं रहेगी।
  • आपसी लेन-देनों में गोपनीयता भी कायम रहेगी: अभी आप बाजार में या घर में किसी को पैसे देते हैं या लेते हैं तो इसकी जानकारी किसी तीसरे व्यक्ति या संस्था को नहीं हो पाती। बैंक और सरकार को भी नहीं। इस तरह की गोपनीयता डिजिटल रुपयों के संबंध में भी कायम रहेगी। बैंक या सरकार, न तो ऐसे लेन-देन पर निगाह रख सकेंगे और न ही इनका कोई रिकॉर्ड उन्हें मिलेगा।

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